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trusts taking govt contracts

  क्या सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट सरकारी ठेके ले सकते हैं? भारत में, सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट (Public Charitable Trust) समाज के कल्याण के लिए कार्य करने वाले गैर-लाभकारी संगठन हैं। जबकि ये ट्रस्ट सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, सरकारी ठेके लेने की उनकी क्षमता कुछ जटिलताओं के साथ आती है। आइए इस विषय को गहराई से समझते हैं: सरकारी ठेके और सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट मूल उद्देश्य:  सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट मुख्य रूप से धर्मार्थ कार्यों और सामुदायिक कल्याण के लिए स्थापित किए जाते हैं। सरकारी ठेके आम तौर पर लाभ कमाने के उद्देश्य से लिए जाते हैं, जो ट्रस्ट के मूल उद्देश्य से भिन्न हो सकता है। कर छूट:  सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट को उनके धर्मार्थ कार्यों के लिए आयकर छूट प्राप्त होती है। हालांकि, यदि ट्रस्ट व्यावसायिक गतिविधियों में शामिल होता है, जैसे सरकारी ठेके लेना, तो उसे छूट प्राप्त आय पर कर देना पड़ सकता है। जवाबदेही:  सरकारी ठेके लेने वाली संस्थाओं को सख्त सरकारी नियमों और विनियमों का पालन करना होता है। यह सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्टों के लिए उनकी धर्मार्थ गतिविधियो

trusts operating as banks for its members

  भारत में सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट: सदस्यों के लिए बैंक के रूप में कार्य करना? (सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट: क्या वे सदस्यों के लिए बैंक का काम कर सकते हैं?) भारत में, सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट (Public Charitable Trust) समाज के कल्याण के उद्देश्य से स्थापित किए जाते हैं। ये ट्रस्ट धार्मिक, शैक्षणिक, चिकित्सा या अन्य धर्मार्थ कार्यों में लगे होते हैं। हालांकि, सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट बैंक के रूप में कार्य करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। आइए, कारणों को समझते हैं: 1. विनियमन और पर्यवेक्षण: बैंकिंग क्षेत्र भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा कड़े विनियमन और पर्यवेक्षण के अधीन है। बैंक लाइसेंस प्राप्त करने के लिए सख्त नियमों का पालन करना आवश्यक है। सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट RBI के तहत पंजीकृत नहीं होते हैं और बैंकिंग गतिविधियों को करने के लिए लाइसेंस प्राप्त नहीं कर सकते हैं। 2. उद्देश्य और कार्यप्रणाली में भिन्नता: धर्मार्थ ट्रस्टों का उद्देश्य लाभ कमाना नहीं बल्कि समाज के लिए कार्य करना होता है। बैंक, दूसरी ओर, जमा स्वीकार करते हैं, ऋण देते हैं और अन्य वित्तीय सेवाएं प्रदान करते हुए लाभ कमाने

perpetual trust

  भारत में स्थायी धर्मार्थ ट्रस्ट (Perpetual Trust): समाज के लिए निरंतर समर्पण भारत में, सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट समाज के लाभ के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन ट्रस्टों की स्थापना विभिन्न उद्देश्यों के लिए की जाती है, जिनमें शिक्षा को बढ़ावा देना, गरीबी कम करना, चिकित्सा सहायता प्रदान करना आदि शामिल हैं। आज, हम चर्चा करेंगे स्थायी धर्मार्थ ट्रस्ट (perpetual trust) के बारे में, जो अपने अनूठ गुणों के कारण समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है। स्थायी धर्मार्थ ट्रस्ट क्या है? स्थायी धर्मार्थ ट्रस्ट वह ट्रस्ट है जो स्थापना के समय से अनिश्चित काल तक अस्तित्व में रहता है। इसका मतलब है कि ट्रस्ट का कोई निर्धारित समापन समय नहीं होता है, और यह पीढ़ी दर पीढ़ी समाज की सेवा करता रहता है। ट्रस्ट विलेख (deed) में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाता है कि ट्रस्ट का अस्तित्व अनिश्चित काल तक बना रहेगा। स्थायी धर्मार्थ ट्रस्ट के लाभ दीर्घकालिक प्रभाव:  ये ट्रस्ट दीर्घकालिक परियोजनाओं और पहलों का समर्थन करने में सक्षम होते हैं, जिनका स्थायी प्रभाव समाज पर पड़ता है। निरंतर सहायता: