Sample Trust Deed Format in Hindi
ट्रस्ट डीड का सैंपल फॉर्मेट हिंदी में जगदीश मिढ़ा द्वारा निर्मित Sample Trust Deed Format in Hindi by Jagdish Midha
Format of Trust Deed in Hindi by Jagdish Midha
ट्रस्ट डीड का फॉर्मेट हिंदी में
ट्रस्ट का फॉर्मेट हिंदी में
ट्रस्ट रजिस्ट्रेशन फॉर्मेट
ट्रस्ट का संविधान pdf
ट्रस्ट डीड फॉर्मेट इन हिंदी
I will be the life time chairman of this NGO.
ट्रस्ट डीड
यह ट्रस्ट डीड आज दिनांक 5 अगस्त 2021 को बनायी गई। ट्रस्ट की स्थापना श्री ABC पुत्र श्री DEF, (आयु G वर्ष (व्यस्क ) , निवासी मकान नम्बर i, j काॅलोनी , तहसील व जिला हनुमानगढ ,राजस्थान) द्वारा की गयी है। श्री abc इस ट्रस्ट के संस्थापक, लेखक एवं अध्यक्ष हैं ट्रस्ट का कार्य क्षेत्र |
इस ट्रस्ट के संस्थापक ने समाज सेवा के कार्यो , शैक्षणिक कार्यो एवं धार्मिक कार्यो को करने के लिए इस पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट का निर्माण किया है |
संस्थापक की मानव जाति की सेवा करने की गहरी और गंभीर इच्छा है | गरीबों और अन्य पिछड़े लोगों की सेवा करने के लिए संस्थापक ने ११०००/- का प्रारंभिक योगदान दिया है | इन रुपयों को संस्थापक ने उन उद्देश्य के लिए अलग रखा है जो उद्देश्य इस ट्रस्ट डीड में आगे लिखे गए हैं |
- ट्रस्ट का नाम
- ट्रस्ट का पंजीकृत कार्यालय
- ट्रस्ट के संस्थापक एवं ट्रस्टी
- ट्रस्ट का कार्य क्षेत्र
- ट्रस्ट के उद्देश्य
- शिक्षा सम्बन्धी
- पर्यावरण सम्बन्धी
- विधि सम्बन्धी
- सूचना के अधिकार सम्बन्धी
- अन्य
- ट्रस्ट की संपत्ति
- ट्रस्ट का प्रबंध निदेशक
- ट्रस्ट के प्रबंध निदेशक का उत्तराधिकार
- ट्रस्ट के ट्रस्टियों (निदेशक मंडल ) का नाम व पता
- आजीवन ट्रस्टी
- मनोनीत ट्रस्टी
- मनोनीत ट्रस्टियों का कार्यकाल
- ट्रस्ट का प्रबंध निदेशक के अधिकार एवं कर्त्तव्य
- ट्रस्ट के ट्रस्टी (निदेशक मंडल ) के अधिकार एवं कर्त्तव्य
- ट्रस्ट की सदस्यता
- ट्रस्ट की मीटिंग का कार्यक्रम
- मीटिंग का कोरम
- ट्रस्ट का बैंक खाता
- ट्रस्ट का हिसाब
- ट्रस्ट का समापन
- ट्रस्ट की कानूनी व्यवस्था
- ट्रस्ट का पंजीकरण
- निदेशक गण ( ट्रस्टियों की स्वीकृति )
- ट्रस्ट का नाम : P A व C फाउन्डेशन, हनुमानगढ रहेगा व इसी नाम से जाना जायेगा।
- ट्रस्ट का पंजीकृत कार्यालय : I, J काॅलोनी, हनुमानगढ जंक्शन (राजस्थान) रहेगा। आवश्यकता एवं सुविधानुसार भारत के किसी भी कोने में इसकी शाखाएं खोली जा सकेंगी और अनुमति के पश्चात भारत के बाहर भी इसके कार्यालय खोले जायेंगे।
- ट्रस्ट के संस्थापक एवं ट्रस्टी : ट्रस्ट में निम्नलिखित व्यक्तियों ने ट्रस्टी बनने के लिए अपनी सहर्ष सहमति प्रदान की है:-
1 . सूश्री JKL (संस्थापक एवं प्रबन्ध निदेशक एवं ट्रस्टी )
पता: गॉव ABC जिला हनुमानगढ , राजस्थान
आधार नम्बर: 123456789123
2. श्री MNO (निदेशक एवं ट्रस्टी स्थाई)
पता: गॉव DEF जिला हनुमानगढ , राजस्थान
आधार नम्बर: 123456789123
3. श्री PQR (निदेशक एवं ट्रस्टी स्थाई)
पता: गॉवGHI जिला हनुमानगढ , राजस्थान
आधार नम्बर: 123456789123 - ट्रस्ट का कार्य क्षेत्र : सम्पूर्ण भारत वर्ष ।
- ट्रस्ट के उद्देश्य
- शिक्षा सम्बन्धी
- पर्यावरण सम्बन्धी
- विधि सम्बन्धी
- सूचना के अधिकार सम्बन्धी
- खेलों सम्बन्धी
- अन्य
- ट्रस्ट का कार्य काल : ट्रस्ट का कार्यकाल आजीवन रहेगा |
- ट्रस्टीयों का कार्यकाल
- संस्थापक ट्रस्टी (प्रबन्ध निदेशक )का कार्यकाल : संस्थापक ट्रस्टी का कार्यकाल जीवन पर्यन्त रहेगा। वह जब तक जीवित रहेगा अपने पद पर बना रहेगा। संस्थापक ट्रस्टी की मृत्यू के बाद उनकी वसीयत के अनुसार इस ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी (जो कि प्रबन्ध निदेशक भी कहलायेगा) को मनोनीत किया जायेगा । वसीयत के अभाव में या वसीयत मेें इस ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी के उल्लेख के अभाव में मुख्य ट्रस्टी के कानूनी उत्तराधिकारी सर्वसम्मती से या बहुमत से इस ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी का चयन एवं मनोनयन करेंगें। उपरोक्त प्रकार से चयनित या मनोनीत मुख्य ट्रस्टी को वर्तमान मुख्य ट्रस्टी (प्रबन्ध निदेशक) के समान ही सभी अधिकार प्राप्त होंगें।
- स्थाई ट्रस्टीयों का कार्यकाल: स्थाई ट्रस्टीयों का कार्यकाल जीवन पर्यन्त रहेगा। ट्रस्ट के उद्ेश्यों के अनुरूप कार्य नहीं करने पर स्थाई ट्रस्टीयों में से किसी ट्रस्टी को हटाया जा सकेगा। एवं इस सम्बंध में मुख्य ट्रस्टी (प्रबन्ध निदेशक) का निर्णय अंतिम निर्णय होगा।
- अस्थाई ट्रस्टियों का कार्यकाल: अस्थाई ट्रस्टियों का कार्यकाल तीन वर्ष का रहेगा। अस्थाई ट्रस्टियों का चयन स्थाई ट्रस्टी सर्वसम्मती या बहुमत से करेंगें।अस्थाई ट्रस्टियों का कार्यकाल स्थाई ट्रस्टी बहुमत से निर्णय करके बढा सकेंगे या उन्हें पुनः तीन वर्ष के लिए मनोनीत कर सकेंगें। किसी भी विवाद की स्थिती में प्रबन्ध निदेशक का निर्णय अंतिम निर्णय होगा।
- अस्थाई ट्रस्टियों का चयन: अस्थाई ट्रस्टियों का चयन स्थाई ट्रस्टी सर्वसम्मती या बहुमत से करेंगें। अस्थाई ट्रस्टियों का कार्यकाल तीन वर्ष का रहेगा। अस्थाई ट्रस्टीयों के अधिकार एवं कर्तव्य स्थाई ट्रस्टीयों के समान होंगें। स्थाई ट्रस्टियों को हटाने के सम्बन्ध में अस्थाई ट्रस्टी कोई निर्णय नहीं ले सकेंगें।
- ट्रस्टियों की संख्या: प्रारम्भ में स्थाई ट्रस्टियों की संख्या मुख्य ट्रस्टी सहित तीन होगी। भविष्य में इनकी संख्या अधिकतम ग्यारह की जा सकेगी। प्रारम्भ में अस्थाई ट्रस्टियांें की संख्या दो होगी । भविष्य में यह संख्या अधिकतम दस की जा सकेगी।
- संस्थापक ट्रस्टी / मुख्य ट्रस्टी / प्रबन्ध निदेशक / प्रथम ट्रस्टी के अधिकार एवं कर्तव्य:- ट्रस्ट के संस्थापक श्री ’’ऋऋऋऋ ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी , प्रबन्ध निदेशक एवं प्रथम ट्रस्टी कहलायेंगे। उनके उपरान्त इस विधान में वर्णित नियमों के अनुसार बनाये गये उत्तराधिकारी को उनके समस्त अधिकार प्राप्त होंगे व उन उत्तराधिकारी को भी प्रबन्ध निदेशक (प्रथम ट्रस्टी, मुख्य ट्रस्टी ) कहा जायेगा । ट्रस्ट के प्रबन्ध निदेशक (प्रथम ट्रस्टी, मुख्य ट्रस्टी) के निम्न अधिकार एवं कर्तव्य होंगें:-
- 1. प्रबन्ध निदेशक ट्रस्ट की सभी शाखाओं व उप शाखाओं तथा जुड़ी हुई संस्था जैसे शैक्षणिक संस्था , खेल संस्था इत्यादि के सदस्यों को आवश्यक निर्देश देगा।
- 2. प्रबन्ध निदेशक द्वारा ट्रस्ट के हित में लिए गये निर्णय सर्वमान्य होंगें।
- 3. ट्रस्ट की साधारण सभा एवं प्रबन्ध कारिणी समिति की अध्यक्षता करना।
- 4. किसी भी विचारणीय विषय पर एक निर्णायक मत देना।
- 5. आवश्यक कागजात पर हस्ताक्षर करना एवं कार्यान्वित करना
- 6. ट्रस्ट के विकास से सम्बिन्धित कार्यक्रमों का परामर्श देना एवं कार्यक्रमों का निर्धारण करना।
- 7. ट्रस्ट की बाह्य एवं आन्तरिक नीतियों का निर्धारण करना एवं ट्रस्ट के विकास के लिए विभिन्न संसाधन इकट्ठा करना एवं पदाधिकारियों व सदस्यों को तत्सम्बंधित कार्यवाहियों से अवगत करवाना।
- 8 से 17 – see my other formats
- सदस्य ट्रस्टी के अधिकार एवं कर्तव्य
- see my other formats
- बैठक (मीटिंग की सूचना अवधि)ः see my other formats
- बैठक की गणपूर्ति: see my other formats
- ट्रस्ट का कार्य करने के लिए निम्न लिखित दो स्तर की कमेटी (सभा) होगी
- 1. साधारण सभा
- 2. प्रबन्ध कारिणी समिति
- ऽ साधारण सभा के निर्माण के नीयम
- ऽ प्रबन्ध कारिणी समिति के निर्माण के नीयम
- ऽ साधारण सभा के अधिकार एवं कर्तव्य
- ऽ प्रबन्ध कारिणी समिति के अधिकार एवं कर्तव्य
- ट्रस्ट की संपत्ति
- ट्रस्ट का प्रबंध निदेशक
- ट्रस्ट के प्रबंध निदेशक का उत्तराधिकार
- ट्रस्ट के ट्रस्टी (निदेशक मंडल )
- ट्रस्ट का प्रबंध निदेशक के अधिकार एवं कर्त्तव्य
- ट्रस्ट के ट्रस्टी (निदेशक मंडल ) के अधिकार एवं कर्त्तव्य
- ट्रस्ट की सदस्यता
- ट्रस्ट की मीटिंग का कार्यक्रम
- ट्रस्ट का बैंक खाता
- ट्रस्ट का हिसाब
- ट्रस्ट का समापन
- ट्रस्ट की कानूनी व्यवस्था
- ट्रस्ट का पंजीकरण
- ट्रस्ट के अन्य नियम
- ट्रस्टी ट्रस्ट से ट्रस्टी होने के नाते कोई भुगतान प्राप्त नहीं कर सकेंगे | परन्तु यदि वे ट्रस्ट को कोई पेशेवर सेवा देते हैं तो वे उस पेशेवर सेवा का भुगतान प्राप्त कर सकते हैं |
- निदेशक गण ( ट्रस्टियों की स्वीकृति )
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- https://mdigitaltalk.blogspot.com/2020/03/trust-kya-hai-trust-bnane-ki-jankari.html
- by jharkhand govt
- https://www.meerad.in/agreements-deeds.html
- https://www.samajkaryshiksha.com/2021/05/elements-of-trust-deed.html
- https://wbregistration.gov.in/(S(5h1o4cpi5cgajhiuupiwuny1))/modeldeed.aspx
- http://vanshidr.blogspot.com/2017/10/trust-deed.html
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