Posts

Showing posts from December, 2024

various optional clauses for trust deed

  सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट विलेख में वैकल्पिक खंड (Optional Clauses): लचीलापन और विस्तार सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट की स्थापना करते समय, ट्रस्ट विलेख (deed) एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है जो ट्रस्ट के उद्देश्य, संरचना और संचालन का निर्धारण करता है। हालांकि, ट्रस्ट विलेख में कुछ "आवश्यक" खंड होते हैं, लेकिन इसमें कुछ "वैकल्पिक" खंड भी शामिल किए जा सकते हैं जो ट्रस्ट को अधिक लचीलापन और विस्तार प्रदान करते हैं। आइए, ऐसे ही कुछ वैकल्पिक खंडों पर गौर करें: 1. प्रॉक्सी वोटिंग (Proxy Voting): यह खंड अनुपस्थित ट्रस्टियों को किसी अन्य सदस्य को प्रॉक्सी के रूप में नियुक्त करने की अनुमति देता है। प्रॉक्सी सदस्य की ओर से बैठकों में उपस्थित हो सकता है और मतदान कर सकता है। 2. कार्यकारी समिति (Executive Committee): यह खंड ट्रस्टियों के एक छोटे समूह को ट्रस्ट के दैनिक कार्यों का प्रबंधन करने के लिए "कार्यकारी समिति" के रूप में गठित करने का प्रावधान कर सकता है। 3. संशोधन खंड (Amendment Clause): यह खंड भविष्य में ट्रस्ट विलेख में संशोधन करने की प्रक्रिया को निर्धारित करता ह...

compulsory clauses for trust deed format

  सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट विलेख में अनिवार्य खंड (Clauses) सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट की स्थापना करते समय, एक ट्रस्ट विलेख (deed) तैयार करना आवश्यक होता है। यह विलेख ट्रस्ट के गठन, उद्देश्यों, प्रबंधन और संचालन का दस्तावेजी प्रमाण होता है। विलेख में कुछ अनिवार्य खंड होते हैं, जिनका समावेश ट्रस्ट के कानूनी वैधता और सुचारू कार्यप्रणाली के लिए आवश्यक होता है। आइए, इन अनिवार्य खंडों को विस्तार से समझें: 1. ट्रस्ट का नाम और पंजीकृत पता: विलेख में स्पष्ट रूप से ट्रस्ट का नाम और उसका पंजीकृत पता उल्लेख किया जाना चाहिए। 2. ट्रस्ट के उद्देश्य: विलेख में ट्रस्ट के स्थापना के उद्देश्यों को स्पष्ट रूप से और विस्तार से वर्णित किया जाना चाहिए। उद्देश्य धर्मार्थ प्रकृति के होने चाहिए और किसी भी धार्मिक, सामाजिक या शैक्षणिक क्षेत्र से संबंधित हो सकते हैं। 3. ट्रस्टी (Trustees): विलेख में ट्रस्ट के प्रारंभिक ट्रस्टियों के नाम, पते और पदनामों का उल्लेख होना चाहिए। साथ ही, ट्रस्टियों की नियुक्ति, पदत्याग और हटाने की प्रक्रिया को भी स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए। 4. लाभार्थी (Beneficiaries)...

format of trust deed

  सार्वजनक धर्मार्थ ट्रस्ट के लिए ट्रस्ट विलेख का प्रारूप (फॉर्मेट) भारत में, सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट की स्थापना के लिए एक ट्रस्ट विलेख (deed) अनिवार्य दस्तावेज होता है। यह विलेख ट्रस्ट के गठन, उद्देश्यों, कार्यप्रणाली और प्रबंधन का आधारभूत दस्तावेज है। हालाँकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह ब्लॉग पोस्ट केवल सामान्य जानकारी प्रदान करता है और किसी भी तरह से कानूनी सलाह नहीं माना जाना चाहिए। किसी सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट की स्थापना करते समय एक योग्य वकील से परामर्श करना और उस राज्य के विशिष्ट कानूनों के अनुसार विलेख का मसौदा तैयार करना आवश्यक है। आम तौर पर, एक सार्वजनक धर्मार्थ ट्रस्ट विलेख में निम्नलिखित अनुभाग (sections) शामिल होते हैं: 1. प्रारंभिक (Introductory Clause): ट्रस्ट का नाम, स्थापना की तिथि ट्रस्ट के संस्थापक (settlor) का नाम और पता ट्रस्ट के उद्देश्य का संक्षिप्त विवरण 2. ट्रस्टियों का विवरण (Particulars of Trustees): प्रारंभिक ट्रस्टियों के नाम, पते और पदनाम ट्रस्टियों की नियुक्ति, हटाने और उत्तराधिकार की प्रक्रिया 3. ट्रस्ट का उद्देश्य (Objects of the Trust)...